New

Wi-Fi 6E क्या है ?

बीते 18 महीने से Wi-Fi का खेल बड़ा हो गया है। कोरोना वायरस और परिणाम स्वरूप आया Work from Home से इसी Wi-Fi वाले Internet की जरूरत बड़ गयी है। अब कई बार Wi-Fi की स्पीड स्लो होती है तो कभी एकदम बंद और इस सबके बीच में है नई टेक्निक जिसको Wi-Fi की समस्या का समाधान बताया जा रहा है। नाम है Wi-Fi का 6E स्टैंडर्ड। कहा जा रहा है कि कुछ महीनों में यह तकनीक हकीकत बनने वाली है।

wifi 6e
WiFi 6E

क्या है? यह 6E स्टैंडर्ड और इससे क्या से फायदा है।

आइए आपको इसके बारे में बताते हैं। इससे पहले WiFi का सबसे पहले पुराना सिस्टम क्या था जान लेते है। इंटरनेट की शुरुआत में टेलीफोन की तरह घर-घर तक इसकी लाइने खीचनी पड़ी थी। उस लाइन से एक तार को अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर लगाना पड़ता था, यह internet का पुराना सिस्टम था। इसके बाद आया Wi-Fi मतलब वायर लेश इंटरनेट की सुविधा। जिसमे घर के गेट तक internet की एक लाइन आती थी और एक डिब्बे में लग जाती है।

उस डिब्बे से रेडिओ वेव के जरिये लैपटॉप, डेक्सटॉप या दुसरे डिवाइसिस को कनेक्ट करने की सुविधा थी, इससे काम काफी आसान हो गया। अब सबको एक साथ एक ही तार के सहारे सिर छोड़ कर काम करने की जरूरत नहीं थी जो जहां चाहे बैठकर काम कर सकता था, लेकिन एक दिक्कत बनी हुयी थी। वो थी स्पीड, Wi-Fi के इस मोडल में स्पीड कम मिलती थी।

इस तकनीक में 5 GHz ने लोगों की मुश्किलें कुछ आसान की, लेकिन इंसान ने चादर देख कर पैर नही पसारे। फिर 5 गीगाहर्ट्ज़ पर भी जादा डिवाइसेस जोड़े जाने की बजह से इसमें में भी internet की स्पीड कम होने लग जाती। ऐसे में Wi-Fi के bandwidth को कुछ और चौड़ा करना पड़ा ठीक highway की तरह अगर highway पर लोड जादा है तो highway की चोदाई। अब 6 गिगाहर्ट्ज़ की फ्रीक्वेंसी शुरू करने की कोशिश की जा रही है। इसका मतलब नयी Wi-Fi तकनीक में जादा स्पीड और अधिक डिवाइसेस जोड़ने की सुविधा मिलेगी । ऐसा करने के लिए ही Wi-Fi 6E तकनीक को लाया जा रहा है।

अब जान लेते है कि wifi 6E से स्पीड पर कितना फरक पड़ेगा ?

आप कोई भी प्लान लेलें, लेकिन जब भी आप 2.4 गीगा हर्ट्ज़ या 5 गीगा हर्ट्ज़ के जरिए Wi-Fi का इस्तेमाल करेंगे तो आपको ज्यादा से ज्यादा 9.6 Gbps की स्पीड मिलती है। मतलब अभी तो इंडिया के कुछ इलाकों में इतनी भी नहीं मिलती है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानक (international standards) कुछ इसे ही हैं और स्पीड मतलब ऐसी है कि 1 सेकंड में तकरीबन 10 जीबी डाउनलोड हो जाये। इसे ऐसे समझा जा सकता किएक 55 इंच स्मार्ट टीवी चलाने के लिए भी 10 से 15mbps की स्पीड काफी है। यहाँ पर wifi 6E बहुत ही आसानी से काम कर सकता है। मतलब wifi 6E तकनीक के साथ इसमें कोई समस्या नहीं आने वाली है।

इस तकनील पर इंटरनेट इस्तेमाल करते वक्त आपको बेहतरीन स्पीच के साथ ही लगातार एक जैसी स्पीड भी मिलेगी। इसका मतलब ना तो बफरिंग का पहिया आपकी डिवाइस पर घूमेगा और ना ही आपको किसी कंटेंट के डाउनलोड होने का इंतजार करना पड़ेगा।

तो इसके लिए करना क्या होगा?

इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको घर पर लगे पुराने राउटर को बदना होगा। 6GHz की स्पीड पर चलने वाले नए राउटर जल्दी मार्केट में आयेगें। इन पर लिखा होगा wifi सर्टिफाईड 6 वर्ल्ड वाइड wifi 6E कि इंटरओपेरेविटी (the interoperability of WiFi Certified 6 World Wide Wi-Fi 6E)। ऐसा माना जा रहा है। अगले साल आने वाले एंड्रॉयड और एप्पल स्मार्टफोन में यह कंपनियां यह फिचर 2022 तक अपडेट कर देंगे।

अब सवाल यह भी उठता है कि हम को कैसे पता चलेगा कि बाईपास 6E का फायदा मिल रहा है। कुछ ही वक्त में मार्केट में आपको ऐसे डिवाइस दिखने लगेंगे। जिनके डिब्बो पर wifi 6E लिखा होगा। इसका मतलब होगा यह डिवाइस हाई स्पीड वाईफाई स्पीड के लिए बनी है यह डिवाइसेस पुरानी wifi तकनीक से कनेक्ट हो सकेंगी। लेकिन अभी आप घर पर लगे राउटर से अपने डिवाइसेस से 2.4 गीगा हर्ट्ज़ और 5 गीगा हर्ट्ज़ पर वाईफाई का इस्तेमाल तो कर सकते हैं, लेकिन 6 गीगा हर्ट्ज़ के लिए आपको नया राउटर लेना होगा। जल्दी ये राउटर मार्केट में बिकते हुए नजर आने लगेंगे और हाँ, नए नये WiFi 6E स्टैंडर्ड राउटर में जब आप कोई डिवाइस को कनेक्ट करेंगें तो कनेक्ट करने से पहले आपको कनेक्ट करने के लिए आपको तीन आप्शन देगा 2.4GHz, 5GHz और 6GHz।

अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आये तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें साथ ही comment box में अपना  feedback जरूर दें धन्यवाद

No comments