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NPA non-performing asset के बारे में विस्तृत जानकारी।

non performing asset
NPA (Non-performing Asset)

NPA 
(Non-performing Asset) 
(अनर्जक आस्तियां या गैर-निष्पादित संपत्ति) 

NPA एक ऐसी ऋण सुविधा के रूप में परिभाषित किया गया है जिस पर ब्याज अथवा मूलधन की किश्त किसी निर्धारित समय अवधि तक के  लिए प्राप्त न की जा सकी हो। किसी भी बैंक के लिए उसका ऋण एक Assets होते है, जिससे उसे आय एव लाभ  प्राप्त होता है और जब यह बैंक के  लिए आय उत्पन्न करना बंद कर दे, तो यह  अनर्जक (आय न देने वाला) कहलाता है। 

In English↴

NPA is defined as a loan facility on which the interest or principal installment can not be received for a specified period of time. For any bank, its debt is an asset, which earns it income and benefits. And if it stops producing income for the bank, then it becomes non-income (non-income tax). In the definition of accounting, basically the NPA Will be said.

कृषि प्रयोजन के लिए एन.पी.ए 

(NPA For Agricultural Purpose)↴


➤   यदि किसी ऋण पर ब्याज या मूलधन की किश्त दो फसल चक्र के लिए अतिदेय (Overdue) हो जाये, अथवा एक 3 वर्षीय किसी एक फसल चक्र तक ब्याज या मूलधन की अदायगी न की जाए ।
➤   अन्य खातों के संबंध में यदि व्याज अथवा मूलधन की किश्त 90 दिनों से अधिक की अवधि के  लिए अतिदेय (Overdue ) हो जाये तो वह एन.पी.ए. कहलायेगा ।
➤  इससे पहले यह कूल परिसंपत्ति के 3 % सं अधिक था परन्तु अब यह 0.6% है ।

आउट ऑफ आर्डर (Out of order)↴

यदि किसी खाते में बकाया राशि, स्वीकृत सीमा / आहरण  (Withdrawal) शक्ति से लगातार अधिक बनी हुइं है तो ऐसे खाते को आउट आँफ आर्डर कहा जायेगा । (If the outstanding balance in an account, with the approved limit / withdrawal (Withdrawal) power is consistently high, then such account will be called the out-of-order.)

अतिदेय (Overdue )↴

किसी ऋण सुविधा के  तहत बैंक को देय राशि यदिनियत तारीख पर न चुकता की जाये तो वह ओवर ड्यू कहलाएगी। (Under the loan facility, if the amount due to the bank is not paid on the due date, it will be called overdue.)

नेट एनपीए (Net NPA)↴

नेट एनपीए, बैंक एनपीए के  संबंध में वह राशि है जिसे बैंक द्वारा अन्य एनपीए प्रावधानों की कटौती के उपरांत प्राप्त किया जाता है। नेट एनपीए बैंकों पर वास्तविक एनपीए देयता को दर्शाता है।

अवमानक आस्तियां (Sub-standard assets)↴

जब NPA पूरे 12 महीने  या 12 महीने से कम  (31 मार्च 2005 से लागू) समय के लिए हो। तो यह sub-standard assets कहलाता है।

संदिग्ध आस्तियां (Suspicious assets)↴

अवमानक आस्तियां (Sub-standard assets) के  12 महीने व्यतीत होने के  बाद इनको संदिग्ध आस्तियां घोषित कर दिया जाता है । (31 मार्च 2005 से लागू) 

हानि आस्तियां (Loss assets)↴

हानि आस्तियां वह हैं जहाँ बैंक या आंतरिक या बाहय लेखा परीक्षको या भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा निरीक्षण के बाद यह निश्चित हो जाता है कि ऋण को अदायगी संभव नही है।

प्रावधान मानक (Provision Standard)↴

मानक आस्तियों (Standard Assets)-

मानक आस्तियों पर न्यूनतम 0 .40 प्रतिशत का एक सामान्य प्रावधान।

हानि आस्तियां (Loss Assets)-  

बकाये का 100 % ।

घटिया आस्तियों(Bad Assets)-

कूल बकाया राशि पर 10%, अव-मानक के  रूप में चिन्हित असुरक्षित संपत्ति के  लिए 10% और असुरक्षित "संदिग्ध" आस्तियों पर 100% ।

संदिग्ध आस्तियों (Suspicious Assets)-

उस हद तक 100 % जहां तक अग्रिम वसूली योग्य मूल्य द्वारा कवर नहीं किया गया है। सुरक्षित अंश के  मामले में प्रावधान अवमानक शेष संपत्ति की अवधि के आधार पर 20% से 100%  की सीमा में किया जा सकता है।

NPA Preventive Measures (एनपीए के निवारक उपाय)↴

अनर्जक आस्तियां (Non-Performing Assets) बचाव प्रबंधन-
➤  क्रेडिट इंफारमेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (सिविल) की स्थापना।
➤  RBI Willful defaulter की सूची जारी करता है । तथा ऐसे लोगो की सूची भी जारी करता है जिन्होने 1 करोड या उससे अधिक का लोन ले रखा है।
➤  घोटालो की सूचना आरबीआई को प्रदान करना।
➤  आरबीआई (RBI) ने बुरे ऋण की पूर्व जानकारी के  लिए विशेष प्रस्तुतीकरण खाते निर्धारित किये।

जोखिम आंकलन एबं जोखिम  प्रबंधन (Risk Assessment and Risk Management)

लोक अदालत -

➤  "संदिग्ध" और  "हानि" श्रेणी के खातों से जुड़ विवादों को निपटाने के  लिए।

➤  समझोता निपटान के लिए 20 लाख रूपए की बकाया राशि अधिकतम।

➤  त्वरित न्याय और छोटे ऋणों की वसूली क लिए काफी कारगर साबित हुई।

➤  इस चैनल के माध्यम से प्रगति करने क लिए आने वाले वर्षो में और बढ़ जाने की उम्मीद है।

➤  सरफेसी अधिनियम ↴

यह अधिनियम NPA की वसूली के  लिए तीन वैकल्पिक तरीक प्रदान करता है-
1.  प्रतिभूतिकरण  (Securitization)
2.  आस्ति पुनर्निर्माण (Asset reconstruction) 
3.  न्यायालय के  हस्तक्षेप के  बिना प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन (Enforcement of Securities Interest without Court Intervention)
इस अधिनियम के अंतर्गत उन ऋणों को लिया जायेगा जिन पर बकाया 1 लाख से अधिक हो ।
ऐसे एनपीए ऋण जिन पर बकाया राशि मूलधन के 20  प्रतिशत से अघिक न हो को सर्फसी अधिनियम के अतर्गत स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं है।

आस्ती पुनर्निर्माण कंपनी (ARC Asset Reconstruction Company)↴

➤  बैंकों या वित्तीय संस्थाओ से न वसूलने योग्य आस्तियां (एनपीएं) को लेने कं उद्देश्य से एआरसी का गठन किया गया है । यह (NPA) को बैंक से लेकर उन्हें फिर से संगठित कर बिक्री योग्य वना लेती हैं तथा पुन: विक्रय करती हैं।
➤   बैंकों या वित्तीय संस्थाओं से न बसूलने योग्य आस्तियों (NPA) को लेने के  उद्देश्य से ARC का गठन किया गया है। यह (NPA) को bank से लेकर उन्हें फिर से संगठित कर बिक्री योग्य बना लेती हैं तथा मुन: विक्रय करती हैं।
➤  Debts Recovery Tribunal (D.R.T).
➤  शीघ्र एवं कुशलता से बैंकों के एनपीए ऋण की वसूली।
➤  भारत में 33 ऋण वसूली अधिकरण और 10 ऋण बसूली अपीलीय न्यायाधिकरण कार्यरत है।
➤  यह bank  के  या किसी भी वित्तीय संस्थान के ऋण वसूली के लिए केंद्र सरकार के द्वारा स्थापित विशेष अदालत है। इस अदालत के न्यायाधीश उच्च न्यायालय के  सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं।
➤   इस अदालत में 10 लाख से ऊपर के ही ऋण वसूली मामले दर्ज  किए जा सकते हैं।


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